Sunday, August 05, 2018

आछा भाई लोग...


आछा भाई लोग, अब आपलोग ईमानदारी से दिल पर हाथ राखकर एक ठो बात बताइये I ई जो बड़का-बड़का सहर में,आ रजधानी में बड़का-बड़का लिबड़ल टाइप बामपंथी बुद्धिजीवी फैब इंडिया टाइप डिजाइनर कुरता पहिरके कॉफीहाउस, धरनास्थल-सभागार, जंतर-मंतर, इंडिया गेट, आई.आई.सी.-आई.एच.सी., मंडीहाउस जइसन इलाकन में टहलता रहता है, भाखन-भूखन करता रहता है, मोमबत्ती जुलूस निकारता रहता है, प्रकासकों से किताब छपाने के के लिए, फेलोशिप आ ग्रांट पाने के लिए, पुरस्कार आउर सम्मान के खातिर कुलाबा भिड़ाता रहता है, आ साम होते ही आपाने चाहे आपाने कवनो दोस्त का घर में, चाहे कवनो एन.जी.ओ. का आफिस में दारू की बाटली खोलके बईठ जाता है , ई सबका बारे में आप सभे का सोचता है! हम तो कई को जानित हैं ! एक ठो है, सरकारी अफसर है, दमित रास्ट्रीयता से लेकर मार्क्सवाद तक पर किताब लिखता है, कबिता-उबिता भी करता है,स्त्री अधिकार, नागरिक अधिकार -- सब करता है, खूब गोल-गोलइती करता है, लम्पटई करते हुए कै बार रंगेहाथ धरने के बाद बीबी भी छोड़ गयी है (लम्पट तो ई सब जादातर होता है), तरह-तरह के जुमलेबाजी करके फेसबुक पर खूब लाइक बटोरता है I कई लोग उसका चरित्र और कुकर्म जानके भी उसके गुडबुक में रहना चाहते हैं काहेसे कि उभरता मठाधीस है I ई सब जादा मूभमेंट का भगोड़ा है, कैरियरवादी है सब महराज ! कवना भरम में पड़े हैं ! ई सब संकट का समय माफीनामा लिखने वाला लोग है I ई सब का खा के फासीबाद से लडेगा ! सब लिबड़ल लिब-लिब होता है ! आपना कुंठा मिटाने वास्ते काम करने वालों को नसीहत झाड़ता रहता है I सुबिधा आउर तरक्की आउर इनामो-इकराम खातिर सब पिछवाड़े से कुक्कुर माफिक लाइन लगाके राजमहल में घुस जाता है I भाई, हमरा तो दिली इच्छा होती है की कब्बों कवनो मौक़ा लगे तो ई सब को कम्बल ओढाके खातिर-बात कर देना चाहिए, देना पाँच चाहिए आ गिनना एक चाहिए ! ई सब बामपंथी सिबिर का बिभीसन है, जयचंद आ मीरजाफर है, रंगा सियार है ! लेकिन जइसे बरसेगा झमड़के, सगरो रंग बह जायेगा !
(5अगस्‍त,2018)

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