Wednesday, November 30, 2022


कल्पनाशील व्यक्ति जितना अधिक अध्ययन करता है, सृजन और नये प्रयोगों के बारे में सोचने के लिए उसे उतना ही अधिक उत्प्रेरण मिलता है I नीरस और ठस्स बुद्धिवादी जितना अधिक पढ़ता जाता है, नकल और अंधानुकरण की उसकी प्रवृत्ति उतनी ही अधिक बढ़ती चली जाती है I 

जीवन और साहित्य में नये पथ-संधान और नवाचार के लिए दर्शन, इतिहास और विचारों की सतत् विकासशील जानकारी के साथ ही जीवन के विविध रंगों और छवियों से गहन परिचय भी ज़रूरी है, जीवन के हर बदलाव पर चौकन्नी निगाह रखना भी ज़रूरी है, स्मृति और स्वप्न के द्वंद्व को समझना भी ज़रूरी है I

यथार्थ को उसकी गति के साथ देखना, वर्तमान को भविष्य में प्रक्षेपित करके देखना, परिकल्पना में अंतर्भूत योजना को देखना, स्वप्न में छिपे यथार्थ को देखना तभी संभव है जब आप कल्पनाशील हों I

क्रांतिकारी बदलाव की किसी परियोजना के पीछे ठोस परिस्थितियों के दूरबीनी और खुर्दबीनी प्रेक्षण तथा गणितीय गणना सदृश सटीक आकलन-मूल्यांकन के साथ ही 'कल्पना की कविता' की भी

अपरिहार्य भूमिका होती है ... 

(30 Nov 2022)

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