बहुत कलात्मक और वैश्विक ख्याति की संभावना से सम्पन्न सैकड़ों कविताएँ लिखने की तुलना में एक निर्भीक, ईमानदार, समझौताहीन, न्यायनिष्ठ और संघर्षशील जीवन जीना हज़ार गुना अधिक उदात्त और काव्यात्मक होता है।
(7 Jan 2021)
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हमारा दृष्टिकोण कितना वैज्ञानिक है और हमारे भीतर कितना क्रान्तिकारी साहस है , इन दोनों चीज़ों का पता सबसे अधिक तब चलता है जब हमें खुद अपनी कमजोरियों या गलतियों के बारे में सोचना और बोलना होता है I
(11 Jan 2021)
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बहुतेरे कलावादी भी फ़ासिस्टों का विरोध करते हैं, क्योंकि बर्बर फासिस्ट बुर्जुआ कला से भी घृणा करते हैं । वे कला के ही शत्रु होते हैं ।
पर मात्र इतने से ही कलावादियों को जनपक्षधर नहीं कहा जा सकता । कलावादी कुलीन फासिस्ट कहर से अपनी कला को बचाने के लिए चिन्तित होते हैं, जनसमुदाय को बचाने के लिए नहीं । "तामसिक" सरोकारों से असम्पृक्त "निष्कलुष सात्विक" कलावादी साहित्य-कला के मोर्चे पर बुर्जुआ वर्ग के प्रतिबद्ध सेनानी होते हैं जो बुर्जुआ वर्ग की विचारधारात्मक हेजेमनी (वर्चस्व) स्थापित करने के लिए काम करते हैं ।
मैं किसी भी कलावादी को जन्मदिन की शुभकामना नहीं देती । जो वामपंथी लोग कलावादी महंतों-मठाधीशों को भी बधाई-संदेश देते हैं मैं उन्हें 'लिब-लिब लिब्बू' कहती हूँ !
(16 Jan 2021)
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