Sunday, August 09, 2020

 

हम आजकल भाषाशास्त्र में टांग घुसाय दिहिन हैं । बहुत सारे शब्दन के असल मूल खोजि निकारे हैं । जइसे, हमारे बिचार से 'बुद्धिजीवी' शब्द का असल मूल रूप है -- बुद्धीजिब्भी, यानी बुद्धि की जिब्भी । जिब्भी बूझते हैं न! -- अरे वही अंग्रेजी बोलने वाले जिसे 'टंगक्लीनर' कहते हैं, हमलोग जिभछोलनी भी कहते हैं । जैसे जिब्भी जीभ को छीलकर साफ करता है, वैसे बुद्धीजिब्भी लोग बुद्धी को खंखोरता रहता है -- छील-खंखोरकर साफ करता रहता है। अब ई दीगर बात है कि कुछ छील ही नहीं पाता अउर कुछ जियादा ही खंखोर देता है, खून निकारि देता है ।

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