खोने के लिए क्या है फ़क़त पांव की ज़ंजीर
पाने के लिए पेशे-नज़र सारा जहां है
( 'कम्युनिस्ट घोषणापत्र' का ऐतिहासिक नारा शेर की शक़्ल में, साथी शमीम शेख़ की वाल से। शायर अज्ञात ।)
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