Sunday, May 03, 2020


एक भक्त एक दूकान पर सामान लेने के दौरान 'सोशल डिस्टेंसिंग' वाली दूरी को थोड़ा घटाते हुए पीछे वाले ग्राहक से खुसफुसाते हुए कह रहा था," अजी कोरोना की क्या बिसात है हमारे मोदीजी के सामने ! जब चाहें, हफ्ते भर के भीतर उसे नेस्तनाबूद कर दें ! दरअसल मोदीजी कोरोना के बहाने वह काम कर रहे हैं जो अरबों-खरबों खर्च करके आजतक नहीं हो पाया ! मोदीजी एक पर्यावरण-क्रांति कर रहे हैं ! देखिये, नदियाँ एकदम स्वच्छ-निर्मल, मछलियाँ अठखेलियाँ कर रही हैं ! हवा एकदम साफ़, सहारनपुर से हिमालय की बर्फीली चोटियाँ दीख रही हैं ! चारो और कितने परिंदे उड़ रहे हैं ! इतने बड़े काम के लिए लोगों को थोड़ी तक़लीफ़ हुई, कुछ लोग मर गए, तो कुछ देशद्रोहियों को सिर्फ़ वही दीख रहा है ! मोदीजी कितने दूरदर्शी हैं, यह समझना सबके बूते की बात नहीं ! सच्ची बात तो यह है कि शी जिन-पिंग ने मोदीजी की सलाह से ही वुहान में कोरोना वॉयरस तैयार किया ! यह बात ट्रम्प भी जानते थे ! मोदीजी के दोस्त हैं न ! आप देख लीजिएगा ! जब धरती एकदम साफ़ हो जायेगी, ग्लेशियर फ़ैल जायेंगे, ग्लोबल वार्मिंग की समस्या ख़तम हो जायेगी, उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव पर बर्फ पहले जैसी हो जायेगी, ओजोन परत का छेद बंद हो जाएगा, बस उसके बाद एकाध हफ्ते में ही कोरोना गायब ! मोदीजी करीब सौ साल के लिए प्रदूषण की समस्या को हल किये दे रहे हैं ! पूरी दुनिया के लिए ! हमलोग 'वसुधैव कुटुम्बकम' ऐसे थोड़े ही कहते हैं !"

"और मोदीजी लगे हाथों एक और काम कर रहे हैं", भक्त बाबा रामदेव की तरह आँख दबाते हुए बोला,"लॉकडाउन का फ़ायदा उठाकर सभी देशद्रोहियों, विधर्मियों, वामियों का ठीक से फाइनल इलाज कर दे रहे हैं ! सबको बीन-बीनकर चुपचाप भीतर ! पड़े रहो बेटा काल-कोठरी में ! मीडिया कुछ बोलेगा नहीं ! सुप्रीम कोर्ट तो एकदम देशभक्ति में डूब चुका है ! अगर कोई जैसे-तैसे कोर्ट तक पहुंचेगा भी तो मिलेगा क्या उसको ? --कद्दू ! और अब मोदीजी तो CAA-NPR-NRC विरोधी सभी नेताओं को बीन-बीनकर निपटा रहे हैं ! जो ह्यूमन राइट का केस लड़ने वाले वकील लोग थे, वे भी निपटाए जा रहे हैं ! मोदीजी देशहित के रास्ते में कोई भी बाधा बर्दाश्त नहीं कर सकते ! हमारे जैसा हर देशभक्त यही चाहता है कि अगले पचास वर्षों तक मोदीजी का एकछत्र शासन हो ! भारत को अब विश्व-गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता ! ई कोरोना-फोरोना तो आता-जाता रहता है ! अरे हम कहते हैं कि 133 करोड़ की आबादी में से अगर 25-50 लाख लोग मरिये जायेंगे तो इस देश को क्या फर्क पड़ेगा ?"

दूकान पर तो किसी ने भक्त की बात पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, पर थोड़ी ही देर बाद पास वाले चौराहे पर कुछ शोर-गुल सुनाई दिया ! पता करने पर जानकारी मिली कि तीन-चार नौजवान मज़दूरों ने उस भक्त को ठीक से पछींटकर कूट दिया था और फिर निकल लिए थे ! भक्त वहाँ खड़ा होकर गालियाँ बक रहा था ! इतने में वहाँ दो पुलिस वाले आये ! भक्त को कोई नशेड़ी, बवालिया समझकर उन्होंने भी पिछवाड़े पाँच-दस रसीद कर दिए !

घर पहुँचकर भक्त तुरत मोदीजी को एक लंबा शिकायती पत्र लिखने बैठ गया ई-मेल से पी.एम. ऑफिस भेजने के लिए !

(3मई, 2020)

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