इतिहास की ऐसी-तैसी किया, विज्ञान की मिट्टी पलीद करता रहा, मेडिकल साइंस को खुदकुशी के लिए प्रेरित करता रहा और अब देखिये, किसतरह अलजेब्रा का जेब्रा-जिराफ़ कर रहा है! पता चला, तीन का पहाड़ा अभी भी याद नहीं कर पाया है जो एक बच्चे ने पूछ दिया था कुछ महीनों पहले और वो लटपटा गया था!
मान गए भई मान गए ! यार इस शख्स को शर्म भी नहीं आती? इसके चमचे और दरबारी तो इसको बताने की कभी भी हिम्मत नहीं कर पायेंगे कि यह कितना बड़ा गधा और जोकर है, लेकिन क्या इसको कहीं से भी पता नहीं लगता होगा कि यह कितना बड़ा नमूना है?
लेकिन ठीक भी है! पूँजीपतियों की दलाली करने, हत्याओं के षड्यंत्र रचने और दमन करने के लिए अक़ल की ज़रूरत भी क्या है! बस हमारे जैसे पिछड़े देश में तो एक कुशल नौटंकीबाज़ और जुमलेबाज़ से भी काम चल जाएगा ! बाक़ी, शासन और शोषण की दैत्याकार मशीनरी के चलाने के लिए नौकरशाहों और भाड़े के टट्टू बौद्धिकों की भारी-भरकम फौज है ही!
(18मार्च, 2019)
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