Wednesday, November 21, 2018

और फिर सपने हमारा साथ देते हैं


अल्जीरियाई स्त्री-कवि नासिरा नेज्ज़र :
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(कभी हम अपनी आँखें बंद कर लेते हैं,

सोने के लिए नहीं,

बल्कि अपने सपनों का,

उनके अकेलेपन में साथ देने के लिए) ।
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कविता कृष्णपल्लवी :
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और फिर सपने हमारा साथ देते हैं

जब हम एक स्वप्न-विहीन दुनिया में

जागते हुए अकेले पड़ जाते हैं ।

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और यही है वह गुप्त रहस्य

हमारे बचे रहने का

जिसे जानने वाले बहुतेरे

बचे नहीं रह सके ।
(19नवम्‍बर,2018)

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