Sunday, August 05, 2018



केवल अपने क्षणिक गौरव के लिए नहीं, वरन् अपने देश के अनन्‍त गौरव तथा समस्‍त मानवता के कल्‍याण के लिए कार्यरत रहना-इससे अधिक श्रेष्‍ठ और महान कार्य और क्‍या हो सकता है?

चेर्नीशेव्‍स्‍की (1828-1889)

No comments:

Post a Comment