अगर अब भी ...
अगर अब भी तुम उठ नहीं खड़े हुए
तो सड़े हुए काठ के कुंदे की तरह
दीमकों से भरी मिट्टी में धँस जाओगे ।
अगर अब भी तुमने
चल पड़ने के मंसूबे नहीं बाँधे
तो सड़क किनारे खड़ा टूटा हुआ
पुराना लैम्पपोस्ट बनाकर रह जाओगे ।
अगर अब भी तुमने
आवाज़ नहीं उठायी
तो अपनी छोटी-सी बच्ची से प्यार के दो बोल
बोलने के ऐन पहले गूँगे हो जाओगे 1
अगर अब भी तुमने मुठ्ठियाँ नहीं तानीं
तो प्रेमिका के हाथों को थाम्हते समय
तुम्हारे हाथ पत्थर के हो जायेंगे
या अपने बच्चे को गोद में उठाने से पहले ही
उन्हें लकवा मार जायेगा 1
अगर अभी भी तुम करते हो
कुछ करने के नाम पर मात्र बुद्धि-विलास
तो लायब्रेरी की जर्जर दीवार के
पुराने पलस्तर की तरह
रात के सन्नाटे में झड़ जाओगे
और सुबह बुहारकर कचरे की ढेरी पर
फेंक दिए जाओगे ।
--कविता कृष्णपल्लवी
(14 अप्रैल, 2018)
अगर अब भी तुम उठ नहीं खड़े हुए
तो सड़े हुए काठ के कुंदे की तरह
दीमकों से भरी मिट्टी में धँस जाओगे ।
अगर अब भी तुमने
चल पड़ने के मंसूबे नहीं बाँधे
तो सड़क किनारे खड़ा टूटा हुआ
पुराना लैम्पपोस्ट बनाकर रह जाओगे ।
अगर अब भी तुमने
आवाज़ नहीं उठायी
तो अपनी छोटी-सी बच्ची से प्यार के दो बोल
बोलने के ऐन पहले गूँगे हो जाओगे 1
अगर अब भी तुमने मुठ्ठियाँ नहीं तानीं
तो प्रेमिका के हाथों को थाम्हते समय
तुम्हारे हाथ पत्थर के हो जायेंगे
या अपने बच्चे को गोद में उठाने से पहले ही
उन्हें लकवा मार जायेगा 1
अगर अभी भी तुम करते हो
कुछ करने के नाम पर मात्र बुद्धि-विलास
तो लायब्रेरी की जर्जर दीवार के
पुराने पलस्तर की तरह
रात के सन्नाटे में झड़ जाओगे
और सुबह बुहारकर कचरे की ढेरी पर
फेंक दिए जाओगे ।
--कविता कृष्णपल्लवी
(14 अप्रैल, 2018)
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