Friday, February 09, 2018



विकासगंज पहुँचाने का वायदा करते-करते अभी कासगंज तक पहुंचे हैं I 2019 के लोकसभा चुनावों के पहले कई विधानसभाओं के चुनाव हैं, सो यह खूनी यात्रा जारी रहेगी I उधर 5 साल से खाली सभी रिक्त पदों को समाप्त करने जा रहे हैं I न्यायपालिका, चुनाव आयोग -- सभी जेब में हैं I शिक्षा की फासिस्तीकरण मुहिम अपने अंतिम चरण में है I नवउदारवाद की नीतियाँ निर्बाध जारी हैं I मेहनतक़शों और आम लोगों की तबाही चरम पर है I कुछ लोग अभी भी नगर-द्वार पर बर्बरों की प्रतीक्षा कर रहे हैं और बर्बर नगर के भीतर जम चुके हैं I वे बंकर और खंदकें खोदकर जमे हुए हैं I मुकाबला अब संसद के बहसबाजी के अड्डे में नहीं, बल्कि सडकों पर होगा I इस बात को समझकर, देर से ही सही, लेकिन तैयारी करने में ही भलाई है I सच से मुंह चुराना पहले से ही हार मान लेना है I

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