कवि और क्रान्तिकारी सांदोर पेतोफ़ी (1823-1848) को हंगरी का राष्ट्रीय कवि माना जाता है I उनकी मृत्यु मात्र 26 वर्ष की अल्पायु में हो गयी थी I 1848 की हंगेरियन क्रांति में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी I
19वीं सदी के मध्य में जब पूरे यूरोप में तेजी से रेललाइनें बिछाईं जा रही थीं , तब उन्होंने लिखा था :
"क्यों नहीं इसके पहले तुमने रेलों का निर्माण किया ?
क्या तुम्हारे पास पर्याप्त लोहा नहीं था ?
तोड़ डालो और पिघला दो सारी बेड़ियाँ,
इफ़रात लोहा होगा तुम्हारे पास I"
क्या तुम्हारे पास पर्याप्त लोहा नहीं था ?
तोड़ डालो और पिघला दो सारी बेड़ियाँ,
इफ़रात लोहा होगा तुम्हारे पास I"
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