Thursday, June 16, 2016

महान वैज्ञानिक अल्‍बर्ट आइंस्‍टीन की कुछ सूक्तियाँ :

 


* सामाजिक न्‍याय के लिए जीना ज़ि‍न्‍दगी की सबसे मूल्‍यवान कोशिश है।


* दुनिया को उसे नुकसान पहुँचाने वालों से ख़तरा नहीं है। दुनिया को उन लोगों से ख़तरा है जो नुकसान पहुँचाने वालों को देखकर भी अनेदेखा करते हैं और चुप रहते हैं ।


* वह व्‍यक्ति जिसने कोई ग़लती नहीं की, उसने कभी भी कुछ नया ढूँढ़ने की कोशिश नहीं की।


* समुद्री जहाज किनारों पर सबसे अधिक सुरक्षित होता है, पर वह किनारों पर खड़े रहने के लिए नहीं बना है।


* व्‍यक्तियों को पंगु बना देना, मेरे ख़याल से पूँजीवाद की निकृष्‍टतम बुराई है। हमारी समूची शिक्षा-प्रणाली इस बुराई से ग्रस्‍त है। एक अतिरेकी प्रतिस्‍पर्द्धात्‍मक रवैया छात्र के मन में कूट-कूट कर भर दिया जाता है, जो अपने भावी कैरियर की तैयारी के तौर पर अर्जनशील सफलता की अभ्‍यर्थना के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। 

मैं इस बात का कायल हूँ कि इन गम्‍भीर बुराइयों को समाप्‍त करने का एक ही रास्‍ता है, और वह है एक समाजवादी अर्थव्‍यवस्‍था की स्‍थापना, जिसमें एक ऐसी शिक्षा व्‍यवस्‍था हो जो सामाजिक लक्ष्‍यों की दिशा में निर्देशित हो।


* मैं हर तरह के राष्‍ट्रवाद के खिलाफ़ हूँ भले ही वह देशभक्ति का चोला पहनकर आये।


* राष्‍ट्रवाद एक बचकाना मर्ज़ है। यह इंसानियत का खसरा है।


No comments:

Post a Comment