धर्म, अन्तिम रूप में, समाज और व्यक्ति के विभाजन पर, तथा उनके बीच काल्पनिक वैमनस्य पर आधारित है। जबतक एक ओर अर्केजली फरिश्तों का समाज और दूसरी ओर लूसीफरी अहंवादियों का समाज क़ायम है, तबतक राज्य अपनी नकेल हाथ में लिए सदैव प्रस्तुत रहेगा। न्यायाधीश दण्ड की घोषणा करते रहेंगे, जल्लाद फाँसी की डोरी खींचते रहेंगे, चर्च आत्मा की शान्ति और मुक्ति के लिए प्रार्थना करते रहेंगे, पाप को भगाने के लिए ईश्वर का भय दिखाते रहेंगे तथा पुलिस कमिश्नर अपने मुजरिमों को जेलों में बन्द करते रहेंगे।
-- अलेक्सान्द्र हर्ज़न
रूस के महान क्रांतिकारी विचारक(1812-1870)
-- अलेक्सान्द्र हर्ज़न
रूस के महान क्रांतिकारी विचारक(1812-1870)
(बाइबिल की मिथकीय कथाओं में शैतान लूसीफर और आर्केजली फरिश्तों की चर्चा आती है।)
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