धीरज हमारे लिए
एक निष्क्रिय प्रतीक्षा का नाम नहीं
एक सुदूर, दुर्गम लक्ष्य की तैयारी
होना चाहिए।
विनम्रता हमारे लिए
हर विरोधी विचार पर
पूर्वाग्रह मुक्त सोच-विचार करने का
समय होना चाहिए
और अपने विचारों के परिष्कार के लिए
सहायता लेने का यत्न होना चाहिए।
साहस हमारे लिए
जन संग ऊष्मा का
अंगीकार होना चाहिए।
तार्किकता हमारे लिए
उत्पादन के साधनों जैसा
उपयोगी औज़ार होना चाहिए।
संवेदना हमारे लिए
सामाजिक सरोकार होना चाहिए।
इतिहास बोध हमारा
इतिहास बदलने के लिए होना चाहिए।
स्वप्न हमारे
भविष्य के मानचित्र होने चाहिए।
-कविता कृष्णपल्लवी
achhi lgi.
ReplyDeleteसटीक कहा है ... बहुत सुन्दर भाव ...
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