देर रात के राग
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Friday, July 29, 2011
जो जीवन की धूल चाटकर बड़ा हुआ है
तूफानों से लड़ा और फिर खड़ा हुआ है
जिसने सोने को खोदा, लोहा मोड़ा है
वह रवि के रथ का घोड़ा है
वह जन मारे नहीं मरेगा, नहीं मरेगा ।
-केदार नाथ अग्रवाल
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