Monday, January 10, 2011

मुक्ति की चाहतें

मुक्ति की चाहतें हैं
हमारे पास।
हृदय मुक्‍त नहीं है हमारा
और भी बहुत कुछ चाहतों से।
पर मुक्‍त नहीं है
हमारी चाहतें।
खोने के लिए हमारे पास
कुछ चाहतें हैं
और पाने के लिए भी
कुछ चाहतें।
                         -कविता कृष्‍णपल्‍लवी

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