Monday, May 13, 2019


Clean chit को कुछ लोग Clean shit कहित हैं आउर कुछ लोग Clean cheat !

हम तो बस लोगन को समझाय रहे हैं कि भइया, कुच्छो कहौ, केंचुआ को कवनो लाज-सरम थोड़े न आवत है !

अरे ज़माना तो अइसन है कि ऊ आला अदालत के जज साहिबान आपन हथौड़ी जनता के कपारे पर पीटत हैं आ लोकतंत्र आउर इंसाफ़ के भुरकुस बनावत हैं ! ई सब कुकरम कइके का ऊ तनिको सरम खात हैं? नाहीं न? तब?


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ये 'टाइम' वाले भी बकलोल हैं ! श्रीमानजी के सभी गुणों को ताड़ नहीं पाये ! अरे, श्रीमानजी के गुणों का बखान करने के लिए तो शेष-गनेश-महेश-दिनेश-सुरेश की और वेद व्यास की प्रतिभा होनी चाहिए I अरे भाई ! अपने मोटा भाई सिर्फ़ 'डिवाइडर इन चीफ़' ही थोड़े हैं ! वह 'लायर इन चीफ़' हैं, 'फ्रॉड इन चीफ़' हैं, 'ईडियट इन चीफ़' हैं, 'कांस्पिरेटर इन चीफ़' हैं, 'मैनीपुलेटर इन चीफ़' हैं, 'ब्रोकर इन चीफ़' हैं, 'टाउट इन चीफ़' हैं, 'डकैत इन चीफ़' हैं, 'ठग इन चीफ़' है, 'मर्डरर इन चीफ़' हैं, 'दंगाई-बलवाई इन चीफ़' हैं, 'जोकर इन चीफ़' हैं, पारसी थियेटर के 'एक्टर इन चीफ़' हैं -- और सब मिलाकर कहें कि आज के समय के आयडियल 'फासिस्ट इन चीफ़' हैं ! मोटा भाई की बदौलत नाट्य-शास्त्र में नया इजाफा हुआ है और नायक-भेद में नयी श्रेणियाँ जुड़ गयी हैं ! वह इतने ग्रेट है कि धीरोदात्त नायक से आगे मूढ़ोदात्त नायक हैं और कूड़ोदात्त नायक हैं !

(10 मई, 2019)


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गल्त बात मोटा भाई ! हम तो खाज वाला कुत्ता कहिन रहे I आप कहि रहेन हैं कि रैबीज वाला बोलिस I अने के खाज वाला कुकुरा को बाद में रैबीज हुई गवा !

अउर मेमोरी तो गजबे है मोटा भाई का ! कवन-कवन कब का बोलिस रहा, सब्ब इयाद है ! एतना तो केहू का अपना तमगा-इनाम भी इयाद नाहीं रहता होगा !


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परम मूर्खता + चरम क्रूरता + असीम धूर्तता + घनघोर असभ्यता + दुर्योधनी अहंकार = ???

(12 मई, 2019)


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'मन क्लाउडी-क्लाउडी हो गया ओय क्लाउडी-क्लाउडी ...
मेरे प्यार के जहाज को तेरे दिल का रडार देख ना पाया
मन क्लाउडी-क्लाउडी हो गया ओय क्लाउडी-क्लाउडी ...'

या फिर

'मौसम-मौसम ये क्लाउडी मौसम...'

जल्दी ही मुम्बइया मसाला फिल्मो में ऐसे रूमानी गीत सुनने को मिलेंगे ! यह मोदीजी के रडार-विज्ञान सम्बन्धी खोज के कला-साहित्य और प्यार पर प्रभाव का परिणाम होगा !

(13 मई, 2019)





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