Sunday, August 05, 2018


हमारी संस्कृति का कोई भी पक्ष प्रत्यक्ष रूप से उसी अनुपात में फलता-फूलता है, जिस अनुपात में उसे औद्योगिक संपत्ति के विधाताओं का प्रश्रय प्राप्त होता है I
--- प्रो. वाल्टर एबेल
(अमेरिकी अकादमीशियन )

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