देर रात के राग
Pages
मुखपृष्ठ
डायरी के नोट्स : जो सोचती हूं उनमें से कुछ ही कहने की हिम्मत है और क्षमता भी
कला-दीर्घा
कन्सर्ट
मेरी कविताई: जीवन की धुनाई, विचारों की कताई, सपनों की बुनाई
मेरे प्रिय उद्धरण और कृति-अंश : कुतुबनुमा से दिशा दिखाते, राह बताते शब्द
मेरी प्रिय कविताएं: क्षितिज पर जलती मशालें दण्डद्वीप से दिखती हुई
देश-काल-समाज: वाद-विवाद-संवाद
विविधा: इधर-उधर से कुछ ज़़रूरी सामग्री
जीवनदृष्टि-इतिहासबोध
Tuesday, March 13, 2018
बदलाव की लपटें
***
लपटें धधकती हैं पुराने को नष्ट करने के लिए,
नया जन्मेगा राख से
अनावृत्त होंगे नए आदर्श और नयी सच्चाइयाँ
तुम जानते नहीं, क्या होगा
जब तुम आग से खेलोगे ?
तुम जल जाओगे I
तर्क करो
लपटों के साथ
या जल जाओ I
--- कोनर मैडेन
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment