Wednesday, February 21, 2018




"चीनी क्रांति का अनुभव, यानी देहाती आधार इलाके बनाने, गाँवों से शहरों को घेरने और अंततः शहरों को कब्ज़ा करने का रास्ता, आपके बहुतेरे देशों में पूरीतरह लागू नहीं हो सकता है, हालांकि यह आपके लिए एक सन्दर्भ का काम कर सकता है I मैं आपको विनम्र सुझाव देता हूँ कि चीनी अनुभव को यांत्रिक ढंग से 'ट्रांसप्लांट' न करें I किसी बाहरी देश का अनुभव मात्र सन्दर्भ की तरह काम कर सकता है, और उसे एक जड़सूत्र के समान कत्तई नहीं लिया जाना चाहिए I मार्क्सवाद-लेनिनवाद की सार्वभौमिक सच्चाई और आपके अपने देश की ठोस परिस्थितियाँ --- इन दोनों को समेकित किया जाना चाहिए।"
--- माओ त्से-तुंग
( लैटिन अमेरिकी देशों की कुछ कम्युनिस्ट पार्टियों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत, 'सम एक्स्पीरियेंसेज इन अवर पार्टी'ज हिस्ट्री', सिलेक्टेड वर्क्स, वॉल्यूम-5, पृष्ठ-326 )

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