Friday, February 09, 2018



कुछ साथियों को कठिनाइयों के बारे में सोचना पसन्‍द नहीं है। लेकिन कठिनाइयाँ भी तथ्‍य होती है। हमें कठिनाइयों को मानना चाहिए, उनका विश्‍लेषण करना चाहिए और उनके खिलाफ संघर्ष करना चाहिए। दुनिया में सीधे रास्‍ते कहीं नहीं हैं, हमें टेढ़े-मेढ़े रास्‍ते तय करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए तथा मुफ्त में कामयाबी हासिल करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। यह नहीं सोचना चाहिए कि एक दिन तमाम प्रतिक्रियावादी अपने आप घुटने टेक देंगे। संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि हमारा भविष्‍य तो उज्‍जवल है लेकिन हमारा रास्‍ता टेढ़ा-मेढ़ा है।
-- माओ त्‍से तुंग

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