Friday, February 09, 2018

नया वर्ष


नया वर्ष

नया वर्ष हो ऐसा
कि बचे रहें सपने
बची रहें उम्मीदें
बची रहे फिर से उड़ने की चाहत
बचा रहे कुछ हरापन, थोड़ा भोलापन, थोड़ी शिशुता
थोड़ा युवापन और क्षितिज पर थोड़ी लालिमा
बची रहे अन्याय से और क्षुद्रता से
और पाखंड और अहम्मन्य विद्वत्ता से घृणा करने की ताकत
और अंतिम सांस तक बाज की तरह
आज़ाद रहने और लड़ने की ज़िद।
प्यार करने की शक्ति अक्षत बची रहे
और बची रहे कुछ चीजों को भूलने की
और कुछ को न भूलने की आदत।
नए साल में
हम घृणा करें बर्बरता से
और अधिक
और गहरी
और सक्रिय
और मनुष्यता और सुंदरता की दिशा में
मज़बूत कदमों से
थोड़ा और आगे बढ़ जाएँ।

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