ईश्वर में आस्था रखने वाले लोगों की भावनाओं को ठेस पहुँचाये बिना उनके धार्मिक पूर्वाग्रहों को दूर करने के लिए पार्टी जनता को विचारधारा के माध्यमों से विश्व सम्बन्धी वैज्ञानिक भौतिकवाद के दृष्टिकोण की शिक्षा देती है। धार्मिक विश्वास सुदूर अतीत के उस काल में उत्पन्न हुए थे जब प्राकृतिक शक्तियों और सामाजिक उत्पीड़न से लोग भयभीत थे और यह नहीं जानते थे कि प्राकृतिक एवं सामाजिक घटनाओं के वास्तविक कारण क्या है -- जनता को यह समझाने के लिए आवश्यक है कि वैज्ञानिक आधार पर व्यापक नास्तिकवादी प्रचार किया जाये और उसे धीरजपूर्वक बताया जाये कि उसके धार्मिक विश्वासों के पीछे कोई वास्तविकता नहीं है। इस काम को आधुनिक विज्ञान की उपलब्धियों की मदद से बखूबी किया जा सकता है, क्योंकि आधुनिक विज्ञान ब्रह्माण्ड के रहस्यों का उत्तरोत्तर अधिक मात्रा में उदघाटन तथा प्रकृति पर मनुष्य की सत्ता का विस्तार करता जा रहा है। इससे अलौकिक शक्तियों के सम्बन्ध में मनगढ़न्त धार्मिक किस्से-कहानियों के लिए फिर कोई गुंजाइश नहीं रह जाती।
-- व्ला. इ. लेनिन (सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यक्रम में नैतिकता और शिक्षा की समस्याएँ)
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