Saturday, May 14, 2016





चूँकि मैं हर प्रकार की व्‍यक्ति-पूजा के विरुद्ध हूँ, इसलिए अन्‍तर्राष्‍ट्रीय संघ के अस्तित्‍व काल में उन अनगिनत सन्‍देशों को पब्लिक के सामने जाहिर करने की अनुमति मैंने कभी नहीं दी जो मेरी सेवाओं की प्रशंसा करते हुए भिन्‍न-भिन्‍न देशों से जबर्दस्‍ती मेरे पास भेजे गये हैं। सिवा इसके कि उनके भेजने वालों को डाँट देने के लिए मैंने कभी कुछ लिख दिया हो, आम तौर से ऐसे संदेशों का मैंने कभी जवाब तक नहीं दिया। कम्‍युनिस्‍टों के अपने प्रथम गुप्‍त संगठन में एंगेल्‍स और मैं इस शर्त पर शामिल हुए थे कि उसके नियमों में से हर उस चीज़ को निकाल दिया जायेगा जिससे सत्‍ता के प्रति अन्‍ध-भक्ति की भावना को बढ़ावा मिल सकता है।
--फ्रेडरिक एंगेल्‍स (''ड्यूहरिंग मत-खण्‍डन'' के कुछ अंश)

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