जो कोई व्यक्ति क्रांतिकारी जनता का साथ देता है, वह एक क्रांतिकारी है। जो कोई व्यक्ति साम्राज्यवाद, सामन्तवाद और नौकरशाह-पूँजीवाद का साथ देता है, वह एक प्रतिक्रांतिकारी है। जो कोई व्यक्ति केवल कथनी में ही क्रांतिकारी जनता का साथ देता है, किन्तु करनी में ऐसा नहीं करता, वह केवल जबानी जमा-खर्च करने वाला क्रांतिकारी है। जो कोई व्यक्ति कथनी और करनी दोनों में क्रांतिकारी जनता का साथ देता है, वही सच्चे अर्थों में क्रांतिकारी है।
--माओ त्से-तुंग
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