(1)
कविता --एक परिचय पत्र
भविष्य के नागरिक का,
जो स्वीकार नहीं
आज की दुनिया को।
(2)
कविता --
एक पासपोर्ट
जिस पर लगती रहती है
वीज़ा की मुहर
स्वप्नों के प्रदेश में
प्रवेश सम्भव बनाती हुई।
(3)
कविता --
एक जीवित गर्म हृदय की खोज,
जो कठिन और लम्बी चाहे जितनी हो
निरर्थक कभी नहीं होती।
(4)
कविता --
एक ब्रश
आत्मा से कालिख पोंछती हुई
स्मृतियों से धूल हटाती हुई।
(5)
कविता --
एक अकेली चीज़
जिसकी उपयोगिता अकूत है
और जो सर्वसुलभ भी नहीं,
लेकिन बाज़ार
तय नहीं कर पाता
जिसका विनिमय मूल्य।
(यानी, जो सर्वसुलभ है,
जिसका मूल्य कूता जा रहा है,
जो बरती जा रही है सिक्के की तरह,
वह कविता नहीं,
उसका मिथ्याभास है,
या फिर बहुरूपिया)
(6)
कविता --
जो यथार्थ से जन्म लेती है
पर यथार्थ नहीं होती।
वह टकराती है
यथार्थ से,
उसे धकेल कर आगे ले जाती है
और फिर
यथार्थ बन जाती है।
सुन्दर और सटीक !
ReplyDeleteकविता --
ReplyDeleteएक जीवित गर्म हृदय की खोज,
जो कठिन और लम्बी चाहे जितनी हो
निरर्थक कभी नहीं होती।
satya v sundar
कविता --
ReplyDeleteएक जीवित गर्म हृदय की खोज,
जो कठिन और लम्बी चाहे जितनी हो
निरर्थक कभी नहीं होती।
satya v sundar abhivaykti .
1, 5, 6 पर मेरी थोड़ी अलग राय है.. बाकी बढ़िया हैं, खासकर (2)..
ReplyDeleteकल 18/04/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद !
सभी रचनाएं सशक्त हैं...मर्मस्पर्शी भी....। कविता पर मेरी भी कुछ राय है पर विषयांतर है....। एंगिल अलग है मेरी कविता का और जन्म के कारण भी अलग.....।
ReplyDeleteअच्छी कोशिश ।
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना शनिवार 19 अप्रेल 2014 को लिंक की जाएगी...............
ReplyDeletehttp://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
बढ़िया प्रस्तुति व कोशिश , आ. धन्यवाद !
ReplyDeleteनवीन प्रकाशन - जिंदगी हँसने गाने के लिए है पल - दो पल !
Information and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
bohat hi sundar prastuti
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