Saturday, January 18, 2014

पदचिह्न


पदचिह्नों ने राह दिखायी, दिशा बतायी।
बीच-बीच में, आँधी और बवंडर ने पर
कुछ पदचिह्न मिटा डाले थे।
वहाँ हमें अपनी विवेक से
दिशा खोज आगे बढ़ना था,
उस मंज़ि‍ल तक जिससे आगे
हमें स्‍वयं ही, राह खोजनी थी यात्रा की।
आने वाले यात्री दल को
कुछ पदचिह्न अवश्‍य मिलेंगे,
कुछ निश्‍चय ही मिट जायेंगे।

_कविता कृष्‍णपल्‍लवी

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