जिस दिन हमारी आत्मा इतनी निर्बल हो जाये, कि अपने प्यारे आदर्श से डिग जाये, जानबूझकर असत्य के पक्षपाती बनने की बेशर्मी करें और उदारता, स्वतंत्रता और निष्पक्षता को छोड़ देने की भीरुता दिखाए, वह दिन हमारे जीवन का सबसे अभागा दिन होगा।
--गणेश शंकर विद्यार्थी
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