समझदार होने के लिए बुज़ुर्ग होने का इंतज़ार मत कीजिए !
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अक्सर इस इंतज़ार के बाद नाकामी ही हाथ लगती है !
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"ये आज के नौजवान समझदार कब होंगे !"
"आप कब हुए थे ?'
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"ये बाल धूप में नहीं पकाये हैं!"
"मैंने कब कहा कि ग़ुलामी, ख़ुदग़र्ज़ी और मक्कारी की आँच पर पकाये हैं!"
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"जब बूढ़े होगे तो अक़ल ठिकाने आ जायेगी !"
"तब तो आप जवानी में ही बूढ़े हो गये थे !"
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एक नौजवान ग़लती से बूढ़ी ग़लती हज़ार गुना अधिक बुरी और ख़तरनाक़ होती है !
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ईर्ष्या, आलोचना और नसीहत से भरी मिचमिची पनीली आँखों से दुनिया को देखते बूढ़े डरावने लगते हैं, उतने ही डरावने जितने आत्मग्रस्त, अहंकारी, उद्धत, स्वार्थी और स्वेच्छाचारी युवा, या, दुर्बलचित्त, कायर और कूपमंडूक युवा !
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एक समझदार खूसट के बजाय एक नासमझ ज़िन्दादिल के साथ वक़्त अच्छा कटता है लेकिन लम्बा वक़्त दोनों के साथ नहीं बिताया जा सकता !
#शाम_के_नाश्ते_में_करेले_और_मिर्चे_का_सैंडविच
(16 Feb 2021)
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अपुन के बारे में और अपुन की कुछ विवादोत्पादक बातों और विचारों के बारे में
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मूर्खता करने की मेरी योग्यता को इतना कम करके मत आँकिेए ।
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जब मैं अपनी सही बातों से बावेला नहीं खड़ा करती तो अपनी मूर्खताओं से कर देती हूँ ।
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कई बार मेरे विचार मेरे दिमाग़ में बैठे-बैठे बोर हो जाते हैं। फिर वे मेरे मुँह के रास्ते बाहर निकलकर इधर-उधर घूमने लगते हैं । और फिर कहीं न कहीं कोई बावेला होकर रहता है ।"
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"तुम अपना धीरज ढूँढ़ लो, इसके पहले कि मैं अपना खो दूँ !"
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'"सॉरी, मुझे पता ही नहीं था कि आप मेरी ज़िन्दगी के इतने बड़े विशेषज्ञ हैं और इस बात के भी, कि मुझे कैसे जीना चाहिए ! अपनी बात जारी रखिए ! एक मिनट, ज़रा मैं नोट्स ले लूँ !"
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"हर व्यक्ति को मूर्ख होने का जन्मसिद्ध अधिकार है, लेकिन तुम अपने इस विशेषाधिकार का दुरुपयोग मत करो!"
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"मैं किसी चेहरे को कभी नहीं भूलती, लेकिन तुम्हारा मामला अगर अपवाद हो तो मुझे ख़ुशी होगी !"
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""कृपया शान्ति से प्रतीक्षा करें ! मैं आपसे मिलने की हिम्मत जुटा रही हूँ !"
(एक तख्ती जो मूर्खों और कूपमंडूकों के आगमन के पहले मैं बैठकखाने में लगा देती हूँ)
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"हाँ, मैं आपके अंतिम संस्कार में ज़रूर आऊँगी, बशर्ते कि आप भी मेरे अंतिम संस्कार में आयें !"
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मानती हूँ कि मैं थोड़ी पागल हूँ, लेकिन मैंने अपने पागलपन से निपटने और इसके रचनात्मक इस्तेमाल के लिए एक 'डायलेक्टिकल मेथड' ईजाद कर लिया है !
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अब मैंने आत्मरक्षार्थ एक पिस्तौल ले ली है और दरवाज़े पर लिख दिया है,"मैं चेतावनी देने के लिए हवाई फायर नहीं करूँगी ! गोलियाँ बहुत महँगी हो गयी हैं !"
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मैंने ताली बजाई, इसलिए नहीं कि तमाशा बहुत बढ़िया था, बल्कि इसलिए कि उसका अंत हो गया ।
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"मैं आपकी बेइज्जती कत्तई नहीं कर रही हूँ । मैं तो आपको आपके बारे में बता रही हूँ !"
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अगर आप मुझे पसन्द नहीं करते तो कोई बात नहीं ! 'गुड टेस्ट' और पारखी नज़र सबको नसीब नहीं होती !"
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"अगर आप मुझसे असहमत हैं तो कोई बात नहीं ! समझदार बनने या सही होने के लिए मैं आपके साथ कोई ज़ोर-जबर्दस्ती तो कर नहीं सकती !"
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"मृदुभाषी और मिलनसार होने के लिए मैं कम से कम कोशिश तो करती हूँ ! उनकी तो आपको सराहना करनी ही चाहिए !"
#शाम_के_नाश्ते_में_करेले_और_मिर्चे_का_सैंडविच
(2 Mar. 2021)
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