Tuesday, February 16, 2021

शाम_के_नाश्ते_में_करेले_और_मिर्चे_का_सैंडविच


समझदार होने के लिए ‌ बुज़ुर्ग होने का इंतज़ार मत कीजिए ! 

... ...

अक्सर इस इंतज़ार के बाद नाकामी ही हाथ लगती है !

*

"ये आज के नौजवान समझदार कब होंगे !"

"आप कब हुए थे ?'

*

"ये बाल धूप में नहीं पकाये हैं!"

"मैंने कब कहा कि ग़ुलामी, ख़ुदग़र्ज़ी और मक्कारी की आँच पर पकाये हैं!"

*

"जब बूढ़े होगे तो अक़ल ठिकाने आ जायेगी !"

"तब तो आप जवानी में ही बूढ़े हो गये थे !"

*

एक नौजवान ग़लती से बूढ़ी ग़लती हज़ार गुना अधिक बुरी  और ख़तरनाक़ होती है !

*

ईर्ष्या, आलोचना और नसीहत से भरी मिचमिची पनीली आँखों से दुनिया को देखते बूढ़े डरावने लगते हैं, उतने ही डरावने जितने आत्मग्रस्त, अहंकारी, उद्धत, स्वार्थी और स्वेच्छाचारी युवा, या,  दुर्बलचित्त, कायर और कूपमंडूक युवा !

*

एक समझदार खूसट के बजाय एक नासमझ ज़िन्दादिल के साथ वक़्त अच्छा कटता है लेकिन लम्बा वक़्त दोनों के साथ नहीं बिताया जा सकता !

#शाम_के_नाश्ते_में_करेले_और_मिर्चे_का_सैंडविच

(16 Feb 2021)

****


अपुन के बारे में और अपुन की कुछ विवादोत्पादक बातों और विचारों के बारे में

**

मूर्खता करने की मेरी योग्यता को इतना कम करके मत आँकिेए ।

.

जब मैं अपनी सही बातों से बावेला नहीं खड़ा करती तो अपनी मूर्खताओं से कर देती हूँ ।

.

कई बार मेरे विचार मेरे दिमाग़ में बैठे-बैठे बोर हो जाते हैं। फिर वे मेरे मुँह के रास्ते बाहर निकलकर इधर-उधर घूमने लगते हैं । और फिर कहीं न कहीं कोई बावेला होकर रहता है ।"

.

"तुम अपना धीरज ढूँढ़ लो, इसके पहले कि मैं अपना खो दूँ !"

.

'"सॉरी, मुझे पता ही नहीं था कि आप मेरी ज़िन्दगी के इतने बड़े विशेषज्ञ हैं और इस बात के भी, कि मुझे कैसे जीना चाहिए ! अपनी बात जारी रखिए ! एक मिनट, ज़रा मैं नोट्स ले लूँ !"

.

"हर व्यक्ति को मूर्ख होने का जन्मसिद्ध अधिकार है, लेकिन तुम अपने इस विशेषाधिकार का दुरुपयोग मत करो!"

.

"मैं किसी चेहरे को कभी नहीं भूलती, लेकिन तुम्हारा मामला अगर अपवाद हो तो मुझे ख़ुशी होगी !"

.

""कृपया शान्ति से प्रतीक्षा करें ! मैं आपसे मिलने की हिम्मत जुटा रही हूँ !"

(एक तख्ती जो मूर्खों और कूपमंडूकों के आगमन के पहले मैं बैठकखाने में लगा देती हूँ)

.

"हाँ, मैं आपके अंतिम संस्कार में ज़रूर आऊँगी, बशर्ते कि आप भी मेरे अंतिम संस्कार में आयें !"

.

मानती हूँ कि मैं थोड़ी पागल हूँ, लेकिन मैंने अपने पागलपन से निपटने और इसके रचनात्मक इस्तेमाल के लिए एक 'डायलेक्टिकल मेथड' ईजाद कर लिया है !

.

अब मैंने आत्मरक्षार्थ एक पिस्तौल ले ली है और दरवाज़े पर लिख दिया है,"मैं चेतावनी देने के लिए हवाई फायर नहीं करूँगी ! गोलियाँ बहुत महँगी हो गयी हैं !"

.

मैंने ताली बजाई, इसलिए नहीं कि तमाशा बहुत बढ़िया था, बल्कि इसलिए कि उसका अंत हो गया ।

.

"मैं आपकी बेइज्जती कत्तई नहीं कर रही हूँ । मैं तो आपको आपके बारे में बता रही हूँ !"

.

अगर आप मुझे पसन्द नहीं करते तो कोई बात नहीं ! 'गुड टेस्ट' और पारखी नज़र सबको नसीब नहीं होती !"

.

"अगर आप मुझसे असहमत हैं तो कोई बात नहीं ! समझदार बनने या सही होने के लिए मैं आपके साथ कोई ज़ोर-जबर्दस्ती तो  कर नहीं सकती !"

.

"मृदुभाषी और मिलनसार होने के लिए मैं कम से कम कोशिश तो करती हूँ ! उनकी तो आपको सराहना करनी ही चाहिए !"

#शाम_के_नाश्ते_में_करेले_और_मिर्चे_का_सैंडविच

(2 Mar. 2021)

***


"बेशक़ तुम मेरे 'कप ऑफ़ टी' हो, लेकिन इन दिनों मैं बियर पीती हूँ !"
.
(फ़ोन पर एक संवाद) "अभी मैं एक बहुत अच्छी जगह खड़ी हूँ । ... ... नहीं यार, यह कोई भावनात्मक या आर्थिक सुरक्षा वाली बात नहीं है । दरअसल मैं एक वाइन शॉप के बाहर खड़ी हूँ ।"
.
"मैं सबको यह बता दूँ कि उनके बारे में मैं क्या सोचती हूँ, उस मुकाम से मैं बस अब एक पैग दूर हूँ !"
फिर लोगों ने उसका गिलास छीन लिया ।
.
"आपके कहने पर मैं Dr.
Navmeet Nav
की स्वास्थ्य सम्बन्धी पोस्ट्स नियमित पढ़ता था । एक दिन मैंने शराब पीने के घातक नुक़सानों के बारे में उनकी एक पोस्ट पढ़ी और फिर एकदम से छोड़ दिया ... ... मेरा मतलब है उनकी पोस्ट्स पढ़ना !"
(3Mar. 2021) ***


नासमझ लोग मुझे काहिल समझ लेते हैं, जबकि मैं 'एनर्जी सेविंग मोड' में रहती हूँ ।
.
कम्प्यूटर का 'ऑटो करेक्ट' जितना आपको करेक्ट करता है, उससे अधिक आपको उसे करेक्ट करना पड़ता है ।
.
इत्ती सारी सेल्फी, इत्ती सारी सेल्फी ! लेकिन सेल्फ की कोई सेल्फी नहीं ?
.
आपकी कुरूप आत्मा का फोटोशॉप किसी भी तरह से संभव नहीं !
.
मानती हूँ कि मूर्खतापूर्ण बातें करना आपका जन्मसिद्ध अधिकार है, लेकिन इग्नोर करने, म्यूट कर देने, ब्लॉक कर देने या 'भकचोन्हर' कहकर निकल लेने का अधिकार मेरे पास भी सुरक्षित है ।
.
#शाम_के_नाश्ते_में_करेले_और_मिर्चे_का_सैंडविच

(14Mar. 2021)

***

मेरे मुँह से व्यंग्य यूँ टपक पड़ते हैं जैसे बहुतेरे लोगों के मुँह से मूर्खता ! * अगर सभी लोग समझदार हुआ करते तो व्यंग्य का जन्म ही नहीं हुआ होता ! * आदमी दो किस्म के होते हैं : एक जो व्यंग्य समझ लेते हैं, और दूसरे, घामड़ ! * " मुझे माफ़ करना, मैंने जब आपको मूर्ख कहा तो मेरा मक़सद आपको आहत करना नहीं था। मैं समझती थी कि यह बात आपको पता होगी !" * सच्चे मूर्ख वे होते हैं जो ताउम्र समझदार होने के भ्रम में जीते चले जाते हैं । * राजनीतिक मूर्ख क्षोभ पैदा करता है, साहित्यिक मूर्ख दुःख पैदा करता है, सामाजिक मूर्ख हास्य पैदा करता है, दार्शनिक मूर्ख उदासी पैदा करता है और धार्मिक मूर्ख आपके धीरज का इम्तिहान लेता है । . #शाम_के_नाश्ते_में_करेले_और_मिर्चे_का_सैंडविच

(14Mar. 2021)


****

1 प्रतिशत प्यार + 9 प्रतिशत यौन क्षुधा-तृप्ति + 10 प्रतिशत कर्तव्य-निर्वाह + 10 प्रतिशत झूठ-फरेब + 10 प्रतिशत पाखण्ड + 10 प्रतिशत बोरियत + 10 प्रतिशत घुटन + 10 प्रतिशत प्रतिशोध + 10 प्रतिशत घृणा + 10 प्रतिशत अवसाद +10 प्रतिशत विरक्ति = पारम्परिक भारतीय दाम्पत्य . #शाम_के_नाश्ते_में_करेले_और_मिर्चे_का_सैंडविच

(16Mar. 2021)

No comments:

Post a Comment