Monday, July 23, 2018

जिस दिन सुप्रीम कोर्ट ने भीड़ की हिंसा पर नियंत्रण के लिए...



जिस दिन सुप्रीम कोर्ट ने भीड़ की हिंसा पर नियंत्रण के लिए सरकार को निर्देश दिए, उसी दिन झारखण्ड में 'जय श्रीराम' के नारे लगते हुए एक वहशी भीड़ अस्सी वर्षीय आर्यसमाजी संत स्वामी अग्निवेश पर टूट पड़ी I अब सोशल मीडिया पर सैकड़ों ट्रोल अग्निवेश को हिन्दू धर्म-द्रोही और देशद्रोही बताते हुए इस घटना को उचित ठहरा रहे हैं I मधुकिश्वर अग्निवेश को फ्रॉड और धंधेबाज बता रही हैं I अग्निवेश मानवाधिकारों के लिए लम्बे समय से आवाज़ उठाते रहे हैं और आर्य समाज के स्टैंडपॉइंट से हिन्दू धर्म की कुरीतियों और अंधविश्वासों की आलोचना करते रहे हैं I कश्मीर में शांति-बहाली के लिए अग्निवेश ही नहीं, तमाम जाने-माने लोग अलगाववादी नेताओं से भी मिलते रहे हैं I अब यासीन मलिक और हुर्रियत नेताओं के साथ अग्निवेश की तस्वीरें सोशल मीडिया पर डालकर संघी ट्रोल उन्हें देशद्रोही सिद्ध करने की कोशिश कर रहे हैं I झारखंड में अग्निवेश पर हमले के कुछ ही दिनों पहले भाजपा के एक केन्द्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने एक मांस-विक्रेता की हत्या करने वाले गो-गुंडों का जमानत पर रिहा होने के बाद स्वागत किया था I फिर दूसरे केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह नवादा जेल जाकर सांप्रदायिक दंगे भड़काने वाले बजरंग दल और विहिप के कार्यकर्ताओं से भेंट की थी I भीड़ की हिंसा कौन भड़का रहा है, यह बात दिन के उजाले की तरह साफ़ है I परिदृश्य बिलकुल वैसा ही है जैसे हिटलर के शासन के समय नात्सी गुंडों के गिरोह सडकों पर गुंडागर्दी, खून-खराबा और हत्याओं का तांडव कर रहे थे I अब मोदी सरकार 'नेशनल यूथ एम्पावरमेंट स्कीम' के नाम से हर साल दस लाख नौजवानों को मिलिटरी ट्रेनिंग देने की योजना बना रही है I जाहिर है यह ट्रेनिंग पाने के बाद बेरोजगार, अल्प-शिक्षित मध्यवर्गीय युवाओं की भारी भीड़ फासिस्ट गुंडा-गिरोहों में ही भरती होगी, और कोई नौकरी तो मिलने से रही I निराश युवा ही उन्मादी हत्यारों के दस्तों में शामिल होंगे I क्या अब भी किसी विवेकी व्यक्ति को भ्रम हो सकता है कि देश किधर जा रहा है ?
(19 जुलाई,2018)

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