देर रात के राग
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डायरी के नोट्स : जो सोचती हूं उनमें से कुछ ही कहने की हिम्मत है और क्षमता भी
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मेरी कविताई: जीवन की धुनाई, विचारों की कताई, सपनों की बुनाई
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जीवनदृष्टि-इतिहासबोध
Thursday, May 18, 2017
ज़िन्दगी, समाज, सोच और शब्दों की तरह आवाज़ों का भी अपना इतिहास होता है, पुराना संगीत या पुराने गीत सुनकर इस बात को एक हद तक समझा जा सकता है।
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