Monday, October 15, 2018


आरे भाई ! हमको ई बतिया एकदम नाहीं बुझाता है कि कुछ बहिनी लोग फेसबुकवा पर एतना चोन्हराती, अगराती काहें हैं, एतना चोना-मोना काहें करती हैं I आधुनिकता आउर फेमिनिजम का साथ ई सब आउटडेटेड टाइप अदा का कवनो तालमेल भी त नाहीं बईठता है ! कुछ बहिनी लोग त दोस्ती-पियार वगैरा का एतना इमोसनल सारबजनिक इजहार करती हैं कि पूछो मत ! जब दुई लोगन क बीच के भावना क बहुत ज्यादा परदर्सन होय तो हमको तो इहे लागत हय कि रियल्टी कम आ डिरामा जियादा होत है ! एलियनेसन, अवसाद आ अकेलापन का सिकार लोग पियार तो ना कर पाता है, न पा पाता है, बस पबलिक में थोर-बहुत डिरामा करके जिया को तसल्ली दे लेता है !

(13अक्टूबर, 2018)

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