एक क्रान्तिकारी को मारा जा सकता है, क्रान्तिकारी विचार को नहीं। क्रान्तिकारी को जेल में ठूुँसा जा सकता है, क्रान्ति को नहीं। क्रान्ति पराजित हो सकती है, हमेशा के लिए समाप्त नहीं। जबतक पूँजीवादी अत्याचार-अनाचार है, जबतक जनता है, तबतक क्रान्ति के स्वप्न जीवित रहेंगे, क्रान्ति के प्रयास जारी रहेंगे।
-कविता कृष्णपल्लवी
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