पराजित लोग अक्सर आपस में एकजुट नहीं होते और यह स्थिति विजेताओं की ताकत होती है।
स्त्रियां आपस में अपने आंसू, दु:ख और रहस्य बांटते हुए भी, परस्पर ईर्ष्या-कलह का शिकार होती हैं। यह उनका पराजय बोध होता है।
बहुधा यह स्थिति प्रबुद्ध और प्रगतिशील स्त्रियों के बीच भी देखने को मिलती है।
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