हमारे समय की कविता
अधिकतर युवा कवियों की
कविता ने
पहन रखे हैं
प्यार के बरसाती जूते
और सड़कों पर बहते ख़ून में
छप्प-छप्प करते हुए
भटक रही हैI
अधिकतर बूढ़े कवियों की कविता की चप्पलें
सत्ताधारियों के गू में
सनी हुई हैंI
***
(18 Nov 2022)
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