tag:blogger.com,1999:blog-1865507084516255580.post8840143406659080919..comments2023-11-11T10:14:37.451+05:30Comments on देर रात के राग: समाजवाद पर उदय प्रकाश के साथ एक असमाप्त संवाद Kavita Krishnapallavihttp://www.blogger.com/profile/05805175872892962733noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-1865507084516255580.post-78370295198633833522013-11-15T23:04:47.304+05:302013-11-15T23:04:47.304+05:30बहुत ही बढ़िया विचार परक बहस, कविता कृष्णपल्लवी ज...बहुत ही बढ़िया विचार परक बहस, कविता कृष्णपल्लवी जी की बात उदयप्रकाश जी को तो कभी भी समझ मे नहीं आएगी यह बात तो कविता जी और बाकी सभी लोग भी जानते हैं। लेकिन जिस सलीके और धैर्य के साथ कविता जी ने पूरे मार्क्सवादी विचारधारा की विवेचना की है वह अद्भुत और Mind hunting है।ज्ञानेन्द्र ओझाhttps://www.blogger.com/profile/05476496522081720029noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1865507084516255580.post-51063636800788052522013-11-14T20:20:13.607+05:302013-11-14T20:20:13.607+05:30महत्वपूर्ण बहस। असामान्य(!) सामान्य बन जाए तो सार्...महत्वपूर्ण बहस। असामान्य(!) सामान्य बन जाए तो सार्थक बहस।Scienists for societyhttps://www.blogger.com/profile/14451790128653823976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1865507084516255580.post-22946976542745102012013-11-14T16:02:58.866+05:302013-11-14T16:02:58.866+05:30सामान्य ज्ञान वर्धक बहस। असामान्य ज्ञान प्रदर्शक ब...सामान्य ज्ञान वर्धक बहस। असामान्य ज्ञान प्रदर्शक बहस। NILAMBUJhttps://www.blogger.com/profile/07995469082747923045noreply@blogger.com