tag:blogger.com,1999:blog-1865507084516255580.post7575670197257339031..comments2023-11-11T10:14:37.451+05:30Comments on देर रात के राग: धर्म और विज्ञानKavita Krishnapallavihttp://www.blogger.com/profile/05805175872892962733noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-1865507084516255580.post-15422939245434885712013-12-15T18:25:42.723+05:302013-12-15T18:25:42.723+05:30मात्र मार्क्सवादी सोच के दायरे के दीगर धर्म की व...मात्र मार्क्सवादी सोच के दायरे के दीगर धर्म की व्याख्या के लिए एक व्यापक दृष्टि होना जरूरी है! <br />धर्म एक जीवन दर्शन देता है, जीने की कला सिखाता है मनुष्य को जीवन के प्रति आस्था और विश्वास से जोड़ता है बशर्ते उसे प्रायोजित तौर पर संदूषित न किया गया हो। <br />जबकि विज्ञान का ऐसा कोई घोषित उद्येश्य नहीं है -वह मात्र तर्क और विश्लेषण पर टिका हुआ है ० वह अनास्था उपजा सकता है। <br />मनुष्य जीवन के लिए धर्म और विज्ञान दोनों जरूरी हैं!<br /> <br /> Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1865507084516255580.post-86947546992477610012013-12-02T11:17:35.875+05:302013-12-02T11:17:35.875+05:30आजकल देसी लोग अंग्रेज़ बनना चाहते हैं. पुरातनपंथ भ...आजकल देसी लोग अंग्रेज़ बनना चाहते हैं. पुरातनपंथ भी समस्याओं का हल नज़र नहीं आता . कारण केवल क्षेपक है. जिस ग्रंथ में कोई क्षेपक नहीं है, वही है तुला और वही है सत्य की कसौटी. इसे पूर्वाग्रह मानने नहीं देते. DR. ANWER JAMALhttps://www.blogger.com/profile/06580908383235507512noreply@blogger.com