Tuesday, February 05, 2019

बाल्ज़ाक के कुछ उद्धरण...



जिनके लिए राजनीति नहीं रह जाती, उनके लिए सिर्फ़ अमूर्त चिन्तन बचा रह जाता है !



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बैठे रहना और चीज़ों पर गौर करते रहना आसान होता है Iजो कठिन होता है, वह है उठ खड़ा होना और कार्रवाई में उतरना।



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राजनीतिक स्वतन्त्रता, किसी राष्ट्र की शान्ति और विज्ञान -- ये अपने आप में ऐसे उपहार हैं जिनके लिये नियति भारी टैक्स माँगती है -- खून का टैक्स !



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अधिकांश पति मुझे उस ओरांग उटान की याद दिलाते हैं जो वायलिन बजाने की कोशिश कर रहा हो।




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हमारा अन्तर्विवेक एक त्रुटिहीन जज होता है, जबतक कि हम उसका गला नहीं घोंट देते ।



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नौकरशाही एक विराट मेकेनिज्म है जिसे बौने चलाते हैं।




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क़ानून मकड़ी का जाला है जिसमें से बड़ी मक्खियाँ निकल जाती हैं और छोटी फँस जाती हैं।



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क्षुद्रात्माएँ निरंकुशता पसंद करती हैं ताकि अपनी ताक़त दिखा सकें, जबकि महान आत्माएँ समानता की प्यासी होती हैं ताकि अपने हृदय को सक्रियता का प्रांगण दे सकें I



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प्रकृति सिर्फ़ मूक जानवर बनाती है I मूर्खों के लिए हम समाज के ऋणी हैं I



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जब कोई पेशा हम चुनना चाहते हैं और नहीं चुन पाते, तो हमारे पूरे अस्तित्व के रंग खून की तरह हमारे शरीर से रिसते रहते हैं और हम निचुड़ते रहते हैं I



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क़ानून जब निरंकुश हो जाता है, नैतिकताएँ ढीली पड़ जाती हैं, और, इसके उलटा भी होता है I



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अध्ययन हमारे आसपास के माहौल में एक किस्म का जादुई प्रभाव पैदा कर देता है I



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महान इच्छा-शक्ति के बिना महान मेधा कोई चीज़ नहीं होती I




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हम अपने दुःख और अपनी खुशी -- दोनों को सामान रूप से अतिरंजित करते हैं I हम कभी उतनी बुरी हालत में नहीं होते या उतने खुश नहीं होते जितना हम बताते हैं I



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एकान्त उम्दा चीज़ है, लेकिन कोई होना चाहिए जो आपको यह बताये कि एकान्त उम्दा चीज़ है I




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सद्गुण शायद और कुछ नहीं होता, आत्मा की विनम्रता के अतिरिक्त I




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ऐसा देखा गया है कि भावावेग (Passion) अपने साथ अंतर्दृष्टि लाता है; यह सीधे-सादे लोगों, मूर्खों और बौड़मों को भी, खासकर नौजवानी के दिनों में, एक किस्म की बुद्धिमत्ता प्रदान कर देता है I



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आनंद की तली तक गोता लगाने के बाद हम मोती से अधिक कंकड़-पत्थर लेकर ऊपर आते हैं I



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लोग निराशा में मर जाते हैं और आत्माएँ आनन्दातिरेक में I



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जो आदमी, जान-बूझकर, अपनी धन-संपत्ति के जरिये ही जीता है, उसकी ज़िन्दगी सट्टे का खेल बन जाती है; उसके दोस्त, उसकी इच्छाएँ, उसके संरक्षक और परिचित लोग उसकी पूँजी होते हैं I



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जिस व्यक्ति के व्यवहार पर आदतन उसके दिमाग की छाप होती है, वह जीनियस होता है I लेकिन महानतम जीनियस भी हमेशा अपने बराबर नहीं हुआ करता, नहीं तो वह इंसान नहीं रह जाएगा I



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