Wednesday, January 23, 2019

वक़्त एक हज्जाम है


वक़्त एक हज्जाम है

जो उनकी खूब हजामत बनाता है

जो नियमित रूप से खुद अपनी हजामत नहीं बनाते I

मैं तो अपने केश खुद काटती हूँ I

ऐसे ही नहीं,

पूरी ट्रेनिंग ली है I

दूसरों की भी हजामत बनाती हूँ I

वक़्त की मुलाज़िम नहीं

( उससे तो अपनी अदावत है पुरानी )

फिर भी उसका यह काम कर देती हूँ

अपने तरीके से

कभी-कभार

वक़्त-बेवक़्त !

(17 जनवरी, 2019)

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