देर रात के राग
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Friday, November 23, 2018
किसी भी बुद्धिमत्तापूर्ण विचार को तबतक आम स्वीकार्यता नहीं हासिल होती जबतक कि उसमें थोड़ी मूर्खता की मिलावट न कर दी जाये I
-- फर्नान्दो पेसोआ
(पोर्चुगीज़ कवि, 1888-1935)
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