Saturday, October 06, 2018

जिनगी क रफ़्तार


जिनगी क रफ़्तार तेज तौ होवै क चाही ! बिलकुल होवै क चाही ! मगर एतनो तेज ना भागो बच्चा हवा में उड़ने का माफिक, कि आजू-बाजू से जिनगिये पीछे छूट जावै -- पेड़-पौधा, नदी-नाला, चिरई-चुरुंग, इंसानियत, समाजी सरोकार, लोग-बाग--- सब का सब पीछे छूट जावै I जिनगी कवनो इनामी दौड़ ना है बच्चा ! अकेल्ले कुछ हासिल करे बदे भागत-भागत अइसन वीरान-बियाबान में पहुँच जाबो कि चिल्लाय-चिल्लाय के जियरा हलकान कर लेबो तब्बो केहू नाहीं सुनी !

(2अक्‍टूबर,2018)

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