Sunday, August 05, 2018

गुमनाम औरत की डायरी में दर्ज कुछ और ख़यालात



अमूर्त आदर्श स्त्री की छवि एक फरेब है | उस स्त्री की बात करो जो वास्तविक है, ठोस है, यथार्थ है |

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उदासी एक मनो-रासायनिक अवस्था है जो विरेचन (कैथार्सिस) का काम करती है |

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विशुद्ध मनोवैज्ञानिक लोग और मनश्चिकित्सक इंसानी मामलों के रहस्य न पूरी तरह जानते हैं, न सुलझा सकते हैं, क्योंकि इंसानी दुखों और अहसासों की ज़मीन मन में नहीं बल्कि सामाजिक ढाँचे में होती है |

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हम अक्सर भाग जाने के बारे में सोचते हैं, और फिर अड़कर उसी जगह रहने लगते हैं और हालात को बदलने के लिए लड़ने लगते हैं |

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यह समय प्रतिकबीरी है | आज माया में डूबे हुए लोग आत्मग्लानि की रसरंजनी सिद्धावस्था में माया को महाठगिनी बताते हैं |

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‘चलो इक बार फिर से अजनबी बन जाएँ हम दोनों' -- यह बस एक चाहत है, जो मुमकिन बनाने के लिए बहुत मज़बूत व्यक्तित्व की दरकार होती है | अतीत की हर छूटी हुई पहचान पुराने जख्म के निशान की तरह आपकी आत्मा पर अंकित होती है |

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अच्छे दिल वाले लोग अक्सर उदास हो जाते हैं | लेकिन वे दुर्निवार, उद्दाम आशावादी होते हैं | इतने विनाशों, जनसंहारों, लूटों, छल-कपटों, बीच-बीच के ठहरावों और उलटावों के बावजूद, तक़रीबन पाँच-छः हज़ार वर्षों से इंसानियत अगर लगातार आगे बढ़ती रही है और भौतिक तथा आत्मिक तौर पर समृद्ध होती रही है, तो गहनतम अन्धकार के दिनों को भी अल्पकालिक मानकर क्या हमें आशावादी नहीं होना चाहिए ?

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कई बार अति तक पहुँचे बिना सीमाओं का पता नहीं चलता | दुनियादार लोग अति को बरजते हैं | सृजनशील लोग कई बार अति तक जाते हैं, और व्यक्तिगत स्तर पर कीमत चुकाकर भी नयी राह के संधान की ज़रूरत महसूस करते हैं | संतुलन की कोशिश एक निरंतर प्रक्रिया है, किसी आध्यात्मिक सदुपदेश पर अमल नहीं |

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आज जैसा सामाजिक ढाँचा है, उसमें बहुत प्रगतिशील चेतना के ज्ञानी लोग भी विशेषाधिकार-प्राप्त होते हैं | ख़ास हैसियत, दूसरों पर हुकूमत करना और विशेष सुविधाएँ हासिल करना वे अपना कुदरती हक़ समझते हैं | प्रायः वे स्वार्थी, यशकामी और लोगों से भिन्न तरीके से जीने के आदी होते हैं | वे किसी न किसी हद तक निरंकुश और स्वेच्छाचारी होते हैं | कुछ कभी-कभी, और कुछ प्रायः अपनी सिद्धांत-पटुता और तर्कशीलता का इस्तेमाल अपने निजी स्वार्थ के लिए भी करते हैं |
(29जुलाई,2018)



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