Tuesday, May 08, 2018

जादुई यथार्थवाद का फासिस्ट संस्करण




मक्का मस्जिद में कोई ब्लास्ट हुआ ही नहीं था I
सोहराबुद्दीन और इशरतजहाँ का फर्ज़ी एनकाउंटर नहीं हुआ था I उन्होंने आत्महत्या की थी I
कठुआ, उन्नाव,सूरत, एटा, राजकोट और रोहतक में कोई बलात्कार नहीं हुआ I सब छद्म-सिकुलरों का मिथ्या प्रचार है I
जज लोया दिल के दौरे से स्वाभाविक मौत मरे थे I उनके सहयोगी जज की जान लेने की कोई कोशिश नहीं हुई थी I इशरत जहाँ फर्ज़ी मुठभेड़ मामले के याचिकाकर्ता गोपीनाथ पिल्लई की अस्पताल से स्वास्थ्य जांच करवाकर लौटते हुए एक रोड एक्सीडेंट में मृत्यु हो गयी I यह एक स्वाभाविक मौत थी I
2002 में गुजरात में कुछ नहीं हुआ था I वहाँ सिर्फ तरक्की हो रही थी I
अयोध्या में बाबरी मस्जिद जैसी कोई इमारत थी ही नहीं I
इस देश को आज़ादी संघ परिवार की कुर्बानियों से मिली थी I भगतसिंह और उनके साथी संघ की विचारधारा से प्रभावित थे I
भारत को संघ ने भ्रष्टाचार से मुक्त कर दिया है I तरक्की की यही रफ़्तार रही तो भारत जल्दी ही दुनिया का सिरमौर होगा I
दंगे, बलात्कार, भ्रष्टाचार, मँहगाई, बेरोज़गारी, दमन आदि-आदि के बारे में चीख-पुकार मचाने वाले लोग सिरफिरे हैं, उन्हें हैलुसिनेशन (मतिभ्रम) हो रहा है I

(18अप्रैल,2018)

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