''हमारे सामने जो चीज़ें घटित हो रहीं हैं, वो बीसवीं सदी में 'अब भी' संभव हैं, इस बात पर मौजूदा हैरानी दार्शनिक नहीं है। यह हैरानी समझने की शुरुआत नहीं है जबतक कि यह इस बात की समझ न हो कि इस हैरानी को जन्म देने वाली इतिहास दृष्टि खारिज किये जाने के क़ाबिल है।''
-- वाल्टर बेन्यामिन (इतिहास दर्शन विषयक स्थापनाएँ)
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