देख लो भाई, हमसे परिचय करो तो हमारी आत्मा तक पहुँचने की कोशिश करो। हमारे विचार और हमारी प्रतिबद्धता ही हमारी आत्मा है।
हमसे दोस्ती के बारे में सोचने के पहले देख लो, तुम्हारे पास एक कवि का दिल, एक योद्धा का साहस और एक विचारक का विवेक है या नहीं !
हमें सिर्फ हमारे अतीत से ही नहीं, भविष्य की योजनाओं से भी परिभाषित करो, हमें हमारी हारों से ही नहीं, युद्ध में फिर भी डटे रहने के हमारे संकल्पों से भी आंको !
संदेह करते हो ? इन्तज़ार
करो ! कुछ दशकों बाद भी यहीं मिलेंगे, युद्ध के मैदान में, पुराने शरीर और
नयी आत्मा के साथ, झुर्रियों के अनुभव और पोपली हँसी की शिशुता के साथ,
पुराने अनुभवों से जन्मी नयी सोच के साथ !
(18फरवरी,2018)
(18फरवरी,2018)
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