Tuesday, December 19, 2017

एक खोज


दर्द जितना गहरा था
उतने ही अकेले थे हम ।
उतनी ही अधिक शिद्दत से
कारणों की तलाश थी,
संग-साथ की चाहत थी
उतनी ही ज़रूरत महसूस की प्यार की ।
और दर्द की गहराई
और बढ़ गयी,
और अधिक अकेले पड़ गए हम ।
इस पूरी दुनिया के लिए
और अधिक प्यार की चाहत से
लबरेज थे हमारे दिल ।
एक दिशा थी
रोशनी की तीखी लकीर की तरह
स्वप्न से जागृति में प्रवेश करती हुई ।
--- शशि प्रकाश
(जनवरी, 1998)

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