Tuesday, December 05, 2017

वास्‍तुकार हैं धरा के


वास्‍तुकार हैं धरा के
इस ग्रह के सज्‍जाकार हैं, 
हम हैं चमत्‍कारों के रचयिता।
सूर्य-रश्मियों को बाँधकर
हम तैयार करेंगे दीप्तिमान झाड़ू
और आकाश से बादलों की सफाई करेंगे
बिजली से।
हम दुनिया की सारी नदियों को शहद सा मीठा बना देंगे
धरती की सड़कों पर चमकते तारों का खड़ंजा बिछा देंगे।
आज इन दरवाज़ों के पीछे भरे पड़े हैं
नाटक के साजो-सामान
कल इस कूड़ा-करकट 
कि जगह लेंगी ठोस वास्‍तविकताएँ।
हम इसे जानते हैं बखूबी
हमारा यकीन है इस बात में
और अब यह ख़बर
हम तुम्‍हें दे रहे हैं।
आओ, सभागार से बाहर
हमारे निकट आओ!
सबके सब इधर आओ!
अभिनेता, कवि, निर्देशक,
सभी इधर आओ!
-- व्‍लादीमिर मयाकोव्‍स्‍की

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