Thursday, May 18, 2017




'हालाँकि कुछ लोग अभी भी इतिहास को वैसे ही ले सकते हैं जैसा वे उसे पाते हैं,
आप लोगों में से ज्‍यादातर लोग परवाह नहीं करते याद दिलाये जाने की।
अब देवियो और सज्‍जनो, निश्‍चय ही यह दिखाता है कि
उभर आये फोड़ों को ज़रूरत है सटीक निदान की
जो व्‍यक्‍त किया गया हो किसी घुमावदार भाषा में नहीं
बल्कि ऐसी सीधी-सपाट भाषा में जो गू को गू ही कहती हो।'

---बेर्टोल्‍ट ब्रेष्‍ट के प्रसिद्ध नाटक 'आर्तुरो उई का प्रतिरोध्‍य उत्‍थान' (रेजिस्टिबुल राइज़ ऑफ आर्तुरो उई) का एक संवाद

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