Thursday, May 18, 2017




जहाँ फायरबाख ने कला पर बात करते हुए हमेशा ही चिंतन से शुरू किया, वहीं, मार्क्स ने सदा उत्पादक शक्ति के महत्व पर ज़ोर दिया | उत्पादक शक्ति (श्रम) सौंदर्यपरक ज़रूरतों को निर्धारित करती है और व्यवहार के जरिये उन्हें शुरुआती अनगढ़पन से मुक्त करती है |
-- मिखाइल लिफ़्शित्ज़

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